FAQ's

1. ब्लड डोनेट करने वाले व्यक्ति के शरीर में हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स का स्तर कितना होना चाहिए?

चाहे स्त्री हो या पुरुष रक्तदान करने के लिए शरीर में कम से कम 12 ग्राम हीमोग्लोबिन होना ज़रूरी है। इसी तरह प्लेटलेट काउंट भी 1.5 लाख से ऊपर होना चाहिए।

2. क्या ब्लड डोनेशन के बाद शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर घट जाता है?

नहीं, ऐसा बिलकुल नहीं हैं। दरअसल ब्लड में 48 तरह के आवश्यक तत्वों को तरल मिश्रण होता है। इसलिए अगर कोई व्यक्ति रक्तदान करता है तो इससे हीमोग्लोबिन के स्तर में कमी नहीं आती। इसके बाद सामान्य ढंग से शरीर में नए ब्लड सेल्स बनने की प्रक्रिया तेज़ी से शुरू हो जाती है।

3. ब्लड डोनेशन और प्लेटलेट्स डोनेशन में क्या अंतर है?

आजकल डेंगू और चिकनगुनिया जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं होने पर व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या घटने लगती है, जो कि ब्लड में पाया जाने वाला एक आवश्यक तत्व है। आजकल ऐसी तकनीक उपलब्ध है कि जब भी कोई डोनर रक्तदान करता है तो मरीज़ की ज़रूरत के हिसाब से प्लाज़मा, प्लेटलेट्स, क्लॉटिंग फैक्टर और रेड ब्लड सेल आदि को छांट कर लैब अलग-अलग सुरक्षित रखा जाता है और ज़रूरत के अनुसार अलग-अलग मरीज़ों के सैंपल से मैच करवा के उन्हें दिया जाता है। अब ऐसी तकनीक भी उपलब्ध है कि कोई डोनर किसी मरीज़ को केवल प्लेटलेट्स भी डोनेट कर सकता है।

4. आमतौर पर कोई स्वस्थ व्यक्ति कितने दिनों के अंतराल पर ब्लड या प्लेटलेट्स डोनेट कर सकता है?

अगर शरीर स्वस्थ हो तो 5-7 दिनों के बाद प्लेटलेट्स और 20 दिनों के बाद कोई व्यक्ति दोबारा ब्लड डोनेट कर सकता है।

5. क्या रक्तदान के बाद कमज़ोरी महसूस होती है?

कमज़ोरी का इससे कोई संबंध नहीं है। हां, ब्लड देखकर कुछ लोगों को घबराहट होती है। इस मनोवैज्ञानिक प्रभाव के कारण कई बार लोगों को चक्कर आने लगते हैं। इस समस्या से बचने के लिए अपनी आंखें बंद रखें। डोनेशन के बाद जूस पीएं। 15-20 मिनट तक आराम करने के बाद डोनर ऑफिस भी जा सकता है।

6. ब्लड डोनेशन से पहले की जाने वाली जांच में किन बातों का ध्यान रखा जाता है?

आमतौर पर ब्लड डोनेशन कैंप में रक्तदान से पहले डोनर के नब्ज़ की गति, शरीर का तापमान, ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल, हृदय-गति और फेफड़ों की सामान्य जांच की जाती है। त्वचा का निरीक्षण करके यह भी देखा जाता है कि जहां से ब्लड निकालने की ज़रूरत है, वहां कोई घाव या संक्रमण तो नहीं है? डोनर के प्रोफेशन के बारे में भी पूरी जानकारी हासिल की जाती है। मसलन अगर कोई डोनर ड्राइवर या पायलट हो तो रक्तदान के बाद 24 घंटे तक उसे घर पर ही आराम करने की सलाह दी जाती है।

7. क्या ब्लड डोनेशन के बाद शाकाहारी लोगों को अधिक कमज़ोरी महसूस होती है?

नहीं, यह भ्रामक धारणा है। इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है। संतुलित शाकाहारी भोजन से भी व्यक्ति के शरीर को पर्याप्त मात्रा में आयरन का पोषण मिल जाता है।

8. ब्लड डोनेट करने वाले व्यक्ति का वज़न कितना होना चाहिए ?

स्त्रियों का 45 और पुरुषों का वज़न 50 किलोग्राम से अधिक होना चाहिए।

9. क्या पीरियड्स के दौरान कोई स्त्री ब्लड डोनेट कर सकती है?

हां,अगर परीक्षण के बाद स्त्री पूर्णत: स्वस्थ हो तो पीरियड्स के दौरान भी वह ब्लड डोनेट कर सकती है।

10. क्या सिगरेट और एल्कोहॉल का सेवन करने वाले लोग ब्लड डोनेट कर सकते हैं?

सीमित मात्रा में सिगरेट या एल्कोहॉल का सेवन करने वाले लोगों के ब्लड से मरीज़ को कोई नुकसान नहीं होता। फिर भी इस बात का निर्णय डोनेशन से पहले की गई जांच के बाद कैंप में मौज़ूद डॉक्टर पर निर्भर करता है।

11. क्या अत्यधिक शारीरिक श्रम करने वाले लोग भी ब्लड डोनेट कर सकते हैं?

हां, सैनिक, खिलाड़ी और मजदूर जैसे लोग भी बेझिझक ब्लड डोनेट कर सकते हैं। इससे सेहत को कोई नुकसान नहीं होता।

12. क्या कोई दिव्यांग व्यक्ति भी रक्तदान कर सकता है?

हां, अगर डॉक्टर के परीक्षण के आधार पर कोई डिफरेंट्ली एबल व्यक्ति पूर्णत: स्वस्थ है तो वह भी ब्लड डोनेट कर सकता है।

13. क्या कोई दिव्यांग व्यक्ति भी रक्तदान कर सकता है?

हां, अगर डॉक्टर के परीक्षण के आधार पर कोई डिफरेंट्ली एबल व्यक्ति पूर्णत: स्वस्थ है तो वह भी ब्लड डोनेट कर सकता है।

14. क्या टैटू बनवाने वाले लोग ब्लड डोनेट कर सकते हैं?

यहां टैटू से ब्लड डोनेशन का कोई सीधा संबंध नहीं है। फिर भी अगर टैटू बनवाते या पियर्सिंग करवाते समय अगर सफाई का ध्यान नहीं रखा गया तो संक्रमित सूई के इस्तेमाल से टैटू बनवाने वाले व्यक्ति को हेपेटाइटिस या एचआईवी संक्रमण होने की आशंका रहती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए टैटू बनवाने या पियर्सिंग कराने के बाद लोगों को एक साल ब्लड डोनेशन से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

15. क्या रक्तदान के दौरान डोनर को कोई संक्रमण हो सकता है?

नहीं, अगर आप किसी ऐसे ब्लड बैंक द्वारा लगाए गए कैंप में रक्तदान कर रहे हैं, जिसके पास सरकारी लाइसेंस है तो वहां स्वास्थ्य सुरक्षा के नियमों का पूरा ध्यान रखा जाता है। ब्लड बैंक को कड़ी जांच-पड़ताल के बाद ही लाइसेंस दिया जाता है। इसलिए आप बेफिक्र होकर ब्लड डोनेट कर सकते हैं।