ब्लड यानी खून एक ऐसी चीज है जिसे बनाया ही नहीं जा सकता। इसकी आपूर्ति का कोई और विकल्प भी नहीं है रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है यह इंसान के शरीर में स्वयं ही बनता है। कई बार मरीजों के शरीर में खून की मात्रा इतनी कम हो जाती है कि उन्हें किसी और व्यक्ति से ब्लड लेने की आवश्यकता पड़ जाती है या किसी दुर्घटना में शरीर से खून ज्यादा निकल जाने पर इमरजेंसी स्थिति में खून की आपूर्ति के लिए लोगों को रक्तदान के लिए जागरूक करके, अनगिनत जरूरतमंदों की जिंदगी बचाने के उद्देश्य रक्तदान किया जाता है एक औसत व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट यानी (5-6 लीटर) रक्त होता है भारत में सिर्फ 7 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप 'O नेगेटिव' है O नेगेटिव' ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है, इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है इमरजेंसी के समय जैसे जब किसी नवजात बालक या अन्य को खून की आवश्यकता हो और उसका ब्लड ग्रुप ना पता हो तब उसे 'O नेगेटिव' ब्लड दिया जा सकता है ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया काफी सरल होती है और रक्त दाता को इसमें कोई खास मुश्किल नहीं हैं ब्लड डोनेशन की प्रक्रिया काफी सरल होती है और रक्त दाता को इसमें कोई खास मुश्किल नहीं हैं आप 18 से 60 वर्ष की आयु तक रक्तदान कर सकते हैं रक्त दाता का वजन, पल्स रेट, ब्लड प्रेशर, बॉडी टेम्परेचर आदि चीजों के सामान्य पाए जाने पर ही डॉक्टर्स या ब्लड डोनेशन टीम के सदस्य आपका ब्लड लेते हैं पुरुष 3 महीने और महिलाएं 4 महीने के अंतराल में नियमित रक्तदान कर सकती हैं
मैंने और मेरे सहयोगियों ने यह वेबसाइट लोगो को एक दूसरे की सहायता के लिए तैयार की है। रक्त दान को महादान कहा गया है।
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